6 Bad Habits जो हमे त्याग देनी चाहिए

एक मनुष्य अपने जीवन में कई Bad Habits को शामिल करता है जो उसके दिनचर्या में वो हर दिन करता हैं। कुछ आदतें ऐसी होती हैं जिससे दूर मनुष्य परेशान हो जाते हैं। परन्तु उसी मनुष्य की कुछ ऐसी आदतें भी होती हैं जो उसे ही नुक्सान पहुंचा सकती हैं। मनुष्य को ऐसी आदतों को छोड़ देना चाहिए या आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसी ही आदतों के बारे में बताएंगे जिनको त्यागने से एक व्यक्ति के सफल होने के द्वार खुल जाते हैं तथा उसका जीवन सुधर जाता है।

Bad Habits जो हमें त्याग देनी चाहिए

काम से जी चुराना:

वह मनुष्य का कार्य ही है जो उसे किसी business में, व्यवसाय में, तथा society में एक नयी पहचान दिलाता है। यदि मनुष्य अपना कार्य दिल लगा कर करे तो वह उसे सफलता अवश्य दिलाता है। अपने काम से जी चुराने वाले लोग कभ भी सफल नही हो पाते। यदि आप अपने कार्य को दिल से नहीं कर पा रहे हैं तो कोई दूसरा कार्य प्रारम्भ करें, जिसमें आपको आनंद मिले। अपने कर्तव्यों का पालन न करने वाला person सदैव असफलता को ही अपने जीवन में पाता है। कामचोरी जैसे आदतों से खुद को दूर रखें एवं अपना कार्य पूर्ण लगन के साथ करें।

आलस:

लम्बे समय तक कार्य करने से मनुष्य को थकान एवं कभी कभी आलस आ जाता है। परन्तु मनुष्य का स्थिर रूप से आलसी होना उसके व्यक्तित्व एवं life के लिए सही नहीं है। आप सदैव अपने शरीर एवं मस्तिष को फुर्तीला बनाए रखें। कोई भी कार्य करने के लिए सदा एक्टिव रहें। एक आलसी मनुष्य कभी भी सफल नहीं हो सकता है। ज्यादा आलस करने वाला मनुष्य, जो अपने निजी कार्यों के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहता है, उसका जीवन में सफल होना लगभग मुश्किल होता है। स्वावलम्बी बनिए तथा जबतक आवश्यकता न हो, किसी से सहायता न मांगें। इससे आपका laziness दूर हो जाएगा।

नशा करना:

यूँ तो कभी कभी पार्टियों तथा दावतों में शराब पीना एक फैशन हो गया है। परन्तु नियमित रूप से शराब, सिगरेट, एवं ड्रग्स का सेवन करना तथा इनका नशा (nasha in english is addiction) करना मनुष्य के स्वस्थ्य के साथ साथ उसके जीवन की success के लिए भी खतरनाक है। नियमित रूप से नशा करने वाले व्यक्ति को समाज में कोई भी पसंद नहीं करता, तथा नशे के कारण मनुष्य का brain भी काम करना बंद कर देता है। नशा मनुष्य के सोचने समझने की शक्ति तथा उसके विवेक को शुन्य कर देता है। लगातार नशा करने से मनुष्य सदा के लिए अपने सोचने समझने तथा उचित निर्णय लेने की शक्ति को खो सकता है।

अपनी गलती दूसरों पर थोपना:

यदि आप भी ऐसा ही करते हैं तो आप अपनी इस habit को बदल लीजिये। यदि आप कभी भी कोई गलती करते हैं तो उसे सवीकार करना सीखिए। अपनी गलती स्वीकार कर के उसे सुधारना ही उचित होता है। एक मनुष्य सदैव अपनी गलतियों से ही सीखता है। जब आप कोई गलती करते हैं, उससे जाने के बाद जब आप उसे सुधारते हैं तो आपको अनुभव होता है और फिर आप उस गलती को दोहराने से बचते  बचते हैं। परन्तु यदि आप अपनी गलती स्वीकारेंगे ही नहीं तो सीखेंगे कैसे।

हर बात में नकारात्मक सोच रखना:

किसी भी घटनाक्रम के दो पहलू होते हैं, एक सकारातमक और एक नकारातमक। मनुष्य को सदैव सकारातमक पहलु को देखना चाहिए। हमेशा नकारत्मकता को प्राथमिकता देने वाला मनुष्य निराशावादी होता है और उसके सफल होने की संभावनाएं कम होती हैं। कभी कभी negative भी सोचना पड़ता है, परन्तु स्थिर रूप से नकारत्मक व्यक्ति को हमेशा दिक्कतें झेलनी पड़ती है। नकारात्मक सोच के कारण मनुष्य कभी भी नयी संभावनाओं को नहीं देख पाता है तथा वह अपने personal और professional life में पीछे रह जाता है।

अपने जीवन में केवल एक ही वस्तु को प्राथमिकता देना:

मनुष्य को अपने जीवन में एक संतुलन बना कर रखना होता है। इसके लिए उसे पाने जीवन से जुडी हर वस्तु एवं व्यक्ति को प्राथमिकता देनी चाहिए। चाहे वह मनुष्य का कार्य हो, परिवार हो, या मित्र हो, सबको प्राथमिकता देना सीखें। केवल किसी एक वास्तु को प्राथमिकता देने वाला व्यक्ति उसमें सफलता पा सकता है, परन्तु अन्य क्षेत्रों में वह असफल ही रहता है। इसलिए अपने जीवन में सफलता पाने के लिए अपने  जीवन से जुडी हर वस्तु को परिस्थितियों के अनुसार प्राथमिकता दें। तथा अपने जीवन में संतुलन बनाए रखें।

उपरोक्त ६ आदतें मनुष्य को त्याग देनी चाहिए ताकि वह अपने जीवन में, समाज में तथा आने कार्य क्षेत्र में success पा सके। इनके अतिरिक्त और भी कई ऐसी आदते हैं जो मनुष्य को त्याग देनी चाहिए जैसे सुबह देरी से उठना, किसी की बात न मानना, अपने से छोटे लोगों का तिरस्कार करना आदि।

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